Insaniyat Shayari in Hindi - 🌿इंसानियत पर शायरी

🌿 इंसानियत पर शायरी - Insaniyat Shayari in Hindi 🌿 🌿 🌿 🌿 🌿 🌿 🌿 🌿 🌿 🌿 🌿 इंसान वही है जो इंसानियत निभा जाए, गिरते को थाम ले, रोते को हंसा जाए। न हो दौलत से बड़ा, न हो शोहरत से भारी, इंसान वही है जो बांटे सब पर प्यार की क्यारी। न देखे धर्म, न देखे जात का रंग, सबको समझे अपना, हर दिल को करे संग। लहू से नहीं, दिल से रिश्ते जुड़ते हैं, सच्चे इंसान दिलों में ही बसते हैं। जो अपनी मुस्कान से ग़म को हर ले, जो दूसरों की राह को रोशनी कर दे। वही है असली शख़्स, वही है महान, जिसके दिल में बसती है सबके लिए जान। 👉 और पढ़ें - Insaniyat Shayari in Hindi - इंसानियत पर शायरी 🌸 इंसानियत शायरी इंसानियत का रंग सबसे हसीन होता है, ये दिलों को जोड़ने का ज़मीन होता है। ना दौलत, ना शोहरत, ना ताज चाहिए, बस इंसान को इंसान ...